What's Shiv Mahima about?
भवानीशंकरौ वन्दे श्रद्धाविश्वासरूपिणौ।याभ्यां विना न पश्यन्ति सिद्धाः स्वान्तःस्थमीश्वरम्॥(श्री रामचरितमानस, बालकाण्ड)मैं भवानी और शंकर की वन्दना करता हूँ...जो श्रद्धा और विश्वास के रूप में सबके हृदय में वास करते हैं। बिना श्रद्धा श्रद्धा और विश्वास के सिद्ध भी अपने अंदर बैठे ईश्वर को नहीं देख सकते हैं।