इस एपिसोड में -
*ईश्वर की उपासना कैसे करें?
*जप क्या है?
*जप और ध्यानमें सामञ्जस्य कैसे करें?
*अहं का वास्तविक अर्थ।
*प्रणव का सटीक उच्चारण संभव नहीं, अतः उसके अर्थका चिन्तन करना ही उसका जप है। उच्चारण वाला जप केवल आरम्भिक प्रयास है।
*प्रत्यक्चैतन्य का अर्थ = प्रतिव्यक्ति चैतन्य का आभास।
*प्रणवजप का प्रत्यक्ष लाभ।
*आधि और व्याधि क्या हैं? अन्तराय क्या है?
*स्त्यान क्या है?
*संशय किसे कहते है?
*प्रमाद किसे कहते हैं?