*किस स्थान पर दान करने से कितना फल मिलता है।
*शुद्ध मन का सर्वाधिक महत्व है।
*युग के अनुसार फल।
*वार, तिथि, संक्रान्ति, ग्रहण और पर्वोंके अनुसार फल।
*सत्संगकाल सर्वाधिक पुण्यप्रद है।
*संन्यासी के निकट मंत्र जप-तप इत्यादि करें।
*सत्पात्र कौन है।
*गायत्री का अर्थ।
*जन्म और कर्म दोनों का महत्व। जन्मके आधार पर ही कर्मका निर्धारण होता है।