दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

E 181. शिवपुराण। दान-धर्म भाग-1. देश काल पात्र इत्यादि।


Listen Later

*किस स्थान पर दान करने से कितना फल मिलता है।
*शुद्ध मन का सर्वाधिक महत्व है।
*युग के अनुसार फल।
*वार, तिथि, संक्रान्ति, ग्रहण और पर्वोंके अनुसार फल।
*सत्संगकाल सर्वाधिक पुण्यप्रद है।
*संन्यासी के निकट मंत्र जप-तप इत्यादि करें।
*सत्पात्र कौन है।
*गायत्री का अर्थ।
*जन्म और कर्म दोनों का महत्व। जन्मके आधार पर ही कर्मका निर्धारण होता है।
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati