(नोट- यह एपिसोड संन्यासियों और नैष्ठिक ब्रह्मचारियों के लिये विशेष उपयोगी है)
*पञ्चाक्षर मंत्र (नमः शिवाय) प्रणव का स्थूलरूप है और एकाक्षर मंत्र (ॐ) प्रणव का सूक्ष्म रूप है।
* स्थूल प्रणव गृहस्थ इत्यादि के लिये और सूक्ष्म प्रणव संन्यासी के लिये है।
*उच्चारण भेद से प्रणव के आठ प्रकार।
*अ शिव है, उ शक्ति है और म दोनों का संयोजक है।
*सकाम साधक ह्रस्व उच्चारण करें और निष्काम साधक दीर्घ उच्चारण करें।
*प्रणवका कितना जप करने से किस स्तर की सिद्धि होती है।
*नित्यजप में मानक जप संख्या एक सहस्र प्रतिदिन है।
*