दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

E 215. पातञ्जलयोग, सूत्र २.१७ भाग(३) - स्व-स्वामिभाव, द्रष्टा-दृश्यभाव।


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*प्रवृत्ति और निवृत्ति दोनों बुद्धिकी वृत्तियां हैं।
*उपद्रष्टानुमन्ता च भर्त्ता भोक्ता महेश्वरः का अर्थ।
*बाह्य व्यापारसे ज्ञानी का सम्बन्ध नहीं होता।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati