*वितर्क बाधा आने पर उसके प्रतिकूल भाव का चिन्तन करें।
*जब हिंसा आदि वितर्क उत्पन्न हो, तब इनमें प्रवृत्त न हो। अच्छे विचारों को क्रियान्वित करें, बुरे विचारौं को टालते हुये नष्ट करें।
*पहले बताये गये सूत्र 1.33 का अनुसरण करें।
*लोभ मोह और क्रोध - यह तीन बाधायें हैं।
*हिंसा के 81 प्रकार । मुख्य तीन है - स्वयं की हुयी, दूसरे से कराई हुयी, अनुमोदन की हुयी। इनके पुनः उपभेद से 81 प्रकार हैं।