दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

E 220. पातञ्जल योग, सूत्र 2.35-36. यम-नियम के सिद्ध होनेके फल (भाग 1)।


Listen Later

*जिसकी अहिंसा सिद्ध हो जाती है, उसके प्रति सभी प्राणी अहिंसक हो जाते हैं।
*जहां अहिंसा और हिंसा में टकराव हो, वहां जो भाव अधिक प्रबल होगा वह दूसरे को अपने प्रभावमें ले लेता है। अर्थात् अहिंसा भाव यदि दुर्बल है तो वह अहिंसट भी हिंसक हो जाता है और यदि हिंसक से प्रबल है तो उसे भी अहिंसक बना देता है।
*जो सदा सत्य बोलता है, उसकी वाणी अमोघ हो जाती है।वह अनायास भी कोई बात कह दे तो सत्य हो जाती है।
*सत्यके साधक को व्यवहार में यहां तक कि हास परिहास में भी बहुत सावधान रहना होता है।
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati