*संयम परमाणु बम की भांति हैं। *स्थूल शरीर सूक्ष्म शरीर, तन्मात्रायें इन्द्रिंया, अहंकार, चित्त - यह सब क्रमशः पूर्ववर्ती की अपेक्षा सूक्ष्मतर हैं।
*दृष्टिबन्ध इत्यादि शक्तियां - चमत्कारी शक्तियों की उपयोगिता क्या है?
*संयम में सर्वप्रथम और सर्वाधिक कठिन कार्य है -धारणा।
*सारे चमत्कार "धारणा" के ही प्रयोग होते हैं।
*चमत्कार तो जंगली जातियों भी देखा जाता है !
*भूत प्रेत में धारणा करते करते चित्त उन्हीसे तदाकार हो जाता है।