दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

E230. पातञ्जल योग, सूत्र 2.50 - प्राणायाम (भाग 2/3) प्राणायाम की परिभाषा और प्रत्यक्ष लाभ।


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*"श्वासप्रश्वासयोः गतिविच्छेदः प्राणायामः"।
*प्राणायाम का प्रत्यक्ष लाभ।
*गीता के अनुसार प्राणयज्ञ।
*एक साधारण मनुष्य चौबीस घंटे में औसत 21600 बार श्वास लेता है। घडी़ से मिलान करें तो एक मिनट में 14 से 16 अर्थात् औसत 15 बार श्वास प्रश्वास होगा। इस प्रकार 15 x 60x24 =21600. प्राणायाम और शारीरिक श्रम के अनुसार इसमें न्यूनाधिक्य हो सकता है।
* सत्तर वर्षके जीवन में 551,880,000. अस्सी वर्ष के जीवनमें 630,720,000, सौ वर्षके जीवन में 778,400,000.
*प्राणायाम के प्रकार
*कुम्भक के प्रकार
*चतुर्थ प्राणायाम (राजयोग) का प्राणायाम क्या है।
*पूरक में प्राण को अपान से मिलाना होता है, रेचकमें अपानको प्राण से मिलाना होता है। यही प्राणयज्ञ है।
*प्राण, प्राणायाम और प्रणव का साम्य।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati