*योगियों के कर्म पाप-पुण्यरहित होते हैं। सामान्यजनके कर्म तीन प्रकारके होते हैं- पाप, पुण्य और मिश्रित।
*प्रथम वासना कहां से आयी ? प्रथम कर्म जीवने किस वासना से प्रेरित होकर किया? सृष्टिके आदिमें प्रथम कर्म भिन्न भिन्न जीवों ने भिन्न भिन्न कैसे किया?
*पूरा एपिसोड ध्यान से सुनें।