कल थी काशी, आज है बनारस

काशी के गालियों mei छुपा है मुक्ति और जीवन का खजाना


Listen Later

नमस्कार मित्रों और बंधुओं और सुनने वाले सभी लोगों का बनारसी सिंह के पॉडकास्ट में हार्दिक स्वागत है। सभी लोग सुन रहे इससे मेरा मनोबल बढ़ता है। पर अगर यह कहानियां आपके द्वारा शेयर भी हों तो जिनको काशी और बनारस के बारे में जानना है उनको भी फायदा होगा। तो मुझे आप इतना समय देते हो एक मिनट लगा कर इसे अन्य लोगों में शेयर भी कर दिया करिए। इसके लिए मैं आपकी आभारी रहूंगी। खैर आज कहानी नहीं है आज जानकारी और कहानी का संगम है। काशी को धर्म नगरी, मोक्ष नगरी, संस्कृति नगरी, ज्ञान केंद्र, आनंद वन, घाटों का शहर, साधु का शहर, मंदिरों का नगर के अलावा भी एक नाम से पुकारा जाता है। वो हैं यहां की गलियाँ। गलियों का शहर काशी या बनारस। सकरी गलियों पतली गलियों का कोई प्रतियोगिता हो तो अपना बनारस अव्वल आएगा। आज के एपिसोड में आप हमारे शहर की उन खास गालियों के बारे में जानेंगे। चलिये ले चलते है उन गलियों में जहां बिंदास बनारस और सौम्य काशी रहती है। काशी का दिल है काशी विश्वनाथ मंदिर। इस दिल से एक गली जुड़ी है जो गादौलिया स्थिति मंदिर गेट से दशा अश्वमेध घाट तक ले जाती है। अंदर इसके कई मोड़ और जोड़ हैं। कभी ये संकट गली से कभी गोपाल गली से मिलती है। इस गली में लकड़ी के खिलौने, आभूषण और पूजा सामग्री, साड़ी और स्थानीय हस्त शिल्प वस्तुएँ मिलती है। दूसरी गली है कचौडी गली नाम में ही सब रखा है। यहां दूर से ही विभिन्न प्रकार के कचौडी की महक आपको यहां आने और छक्क के खाने के लिए विवश करती है। इसी गली में हिंदी के प्रसिद्ध कवि हरिश्चंद्र जी का घर है। और पंच गंगा गली। जो पंच गंगा घाट से शुरू हो कर कई अन्य घाटों तक आपको पहुंचाती है। बहुत लंबी गली है। दाल मंडी यहां दाल नहीं मिलता ब्लकि चूडी, बिंदी, सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री, बिजली का समान, ब्यूटी प्रोडक्ट, कपड़ा बाजार आदि का थोक बाजार है। अगर आपको मोल भाव करना आता है तो आपको यहां शॉपिंग में मजा जरूर आएगा। ये गली चौक और नयी सड़क बाजार को जोड़ती है। ऐसे ही अन्य भी गलियाँ हैं जिसके बारे में जान कर आप अपना समय और पैसा दोनों बचा सकते हैं। मंदिर दर्शन और भोजन का आनंद भी ले सकते हैं। लंबे समय तक काशी का निवास और महादेव का सानिध्य पा सकते हैं। अन्य गलियों को जानने के लिए जरूर सुनिए 'कल थी काशी आज है बनारस' बनारसी सिंह का पॉडकास्ट। आप तक कहानी पहुंचाते हुए मुझे एक वर्ष हो चुका है। आगे भी ये सिलसिला जारी रहेगा इसके लिए अपना प्यार और आशीर्वाद बनाये रखें। हर हर महादेव। इस बार भी देव दीपावली पर्व में बनारस में हूँ। इस पर्व की साक्षी बन पाउंगी। जिसके पास भी समय है वो आयें काशी के इस महापर्व में। 19 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। काशी के 84 घाटों पर विश्व प्रसिद्ध दीप उत्सव देव दीपावली। हर हर महादेव।
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

कल थी काशी, आज है बनारसBy Banarasi/singh