दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

मानस, बालकाण्ड, 14(च) से 15.1-3


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1. गंगाजी स्नान और पान करने से पाप का हरण करती हैं, सरस्वती सद्विचारों के कहने सुननेसे अविवेक का हरण करती हैं। 2. शङ्करजी और पार्वतीजी गुरु भी हैं और माता-पिता भी । शङ्करजी रामजी के सेवक भी हैं, स्वामी भी हैं और सखा भी हैं। 3. "रामेश्वर" नाम का अर्थ- रामजी ने कहा - इसका अर्थ है रामके ईश्वर। शिवलिंग से आवाज आयी - नहीं, इसका अर्थ है कि राम हैं जिसके ईश्वर। मुनियों ने निर्णय किया कि जो राम हैं वही ईश्वर अर्थात् शङ्कर हैं । 4. शाबर मंत्रों की विशेषता ।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati