कल थी काशी, आज है बनारस

मसान महाश्मशान में क्यों खेलते हैं होली काशी में....


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रंगभरी एकादशी 24 मार्च को थी. उस दिन से मथुरा और काशी में होली का पर्व शुरू हो जाता है. पर दोस्तों काशी की होली बृन्दावन की होली से अलग होती है. यू कहें कि सारी दुनिया में जिस भी प्रकार की होली मनायी जाती है उसकी जड़े भारत से जुड़ी है. सबसे अद्भुत होली पूरे संसार में काशी में मनाया जाता है. सबसे निराले ईश्वर महादेव की प्रिय नगरी काशी में मसान की होली होती है सदियों से. यहाँ देवी पार्वती को गौना करा कर लाये बाबा भोले रंग भरी एकादशी को महाश्मशान काशी के हरिश्चंद्र घाट पर अपने गणों के साथ भस्म की होली खेलते हैं. चिता की राख या भस्म में रमे रहने वाले भूतनाथ भगवान आज के दिन काशी वासियों से मसान में होरी खेल ते हैं. सारी काशी में आज से ही पांच दिवसीय होली पर्व आरम्भ हो जाता है. इससे जुड़ी कहानी इस पॉडकास्ट में आप सुन सकते हैं.
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कल थी काशी, आज है बनारसBy Banarasi/singh