Storywala Smrit (स्टोरीवाला स्मृत)

Virah(विरह) by smrit


Listen Later

नमस्कार मैं स्मृत आज आपके बीच लेकर आया हूं एक कविता एक विरह गीत जिसे सोहर राग से पिरो के लिखने का प्रयास किया है. ताकि हम अपने माडर्न मन मे धसे देहात को देख सके जो कही भुला हुआ है। तो चलिए इस विरह प्रेम कविता को सुनते है।
रानी तेरी देखो निष्प्राण पड़ी
बीने तेरे देखो झाई, मैं मुरझाई पड़ी
तेरी यादों संग कितना रोये है हम
दिन रेन जागे खोए जोहे, कितना रोये है हम
तेरी खैर ख़बर खोजे पलकें बिछी
भर भर अखियन में अश्रु, काजल कागज पत्तर, तोहे प्रेम लिखे
मेरा जी, मन, जिया, हिया, घट,बढ़ भी तुम
अब तो आवो आ भी जाओ मेरा पूरा अधूरा मेरा शेष भी तुम
मेरे अर्पण तर्पण जो दर्पण हो तुम
ओ साजन जी दिल के निवासी धकधकाहट हो तुम
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

Storywala Smrit (स्टोरीवाला स्मृत)By Smrit Singh