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सद्गुरु बता रहे हैं कि कैसे स्वीकार करने से जीवन मुक्त प्रवाह के साथ आगे बढ़ने लगता है। वे हमें कम से कम चौबीस घंटे तक, पूरी तरह से स्वीकार की भावना में जीने की चुनौती देते हैं। क्या आप इस चुनौती के लिए तैयार हैं?
By The Mysticसद्गुरु बता रहे हैं कि कैसे स्वीकार करने से जीवन मुक्त प्रवाह के साथ आगे बढ़ने लगता है। वे हमें कम से कम चौबीस घंटे तक, पूरी तरह से स्वीकार की भावना में जीने की चुनौती देते हैं। क्या आप इस चुनौती के लिए तैयार हैं?