04. श्री काकभुशुण्डि जी के द्वारा गरुण जी को श्रीराम जी की महिमा बताना।
04. श्री काकभुशुण्डि जी के द्वारा गरुण जी को श्रीराम जी की महिमा बताना एवं काकभुशुण्डि जी से मार्मिक प्रश्न करना और काकभुशुण्डि जी का श्री गरुण जी को अपने काक शरीर से प्रीति का कारण बताना।
04. श्री काकभुशुण्डि जी के द्वारा गरुण जी को श्रीराम जी की महिमा बताना।
04. श्री काकभुशुण्डि जी के द्वारा गरुण जी को श्रीराम जी की महिमा बताना एवं काकभुशुण्डि जी से मार्मिक प्रश्न करना और काकभुशुण्डि जी का श्री गरुण जी को अपने काक शरीर से प्रीति का कारण बताना।