Gita For Life

08 श्रीमद् भगवद्गीता से सीखें ध्यान कैसे करें


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अहंकार व्यक्ति को ईश्वर से अलग करता है ,ना केवल ईश्वर से बल्कि अपनों से भी अलग करता है कई बार तो अपने स्वयं के लक्ष्य से भी अहंकार हमें भटका देता है | 

अहंकार कभी अकेला नहीं आता, बहुत सी बुराइयों को लेकर आता है | भगवान श्री कृष्ण गीता के 18 अध्याय के 53 श्लोक में कहते हैं कि अहंकार अपने साथ काम को, क्रोध को, परिग्रह को, गर्व और बल जैसे नकारात्मक भाव को लेकर आता है | कैसे हम अहंकार से मुक्त हों, भगवान ध्यान का बातते हैं | 

जैसे जैसे आप ध्यान में प्रवेश करते हैं वैसे वैसे आपको अहंकार से मुक्ति मिलती है और दूसरे नकारात्मक भावों से भी व्यक्ति को मुक्ति मिलती है | 

ध्यान कैसे किया जाए, इसकी तैयारी कैसे करनी चाहिए,  इसी के बारे में 18वें अध्याय के 50वें, 51वें  व  52वें  श्लोक में बताया | आज के podcast में हमने इसी की चर्चा की है | 



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Brahmleen Sant Samvit Somgiri Ji Maharaj.

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Gita For LifeBy Kamlesh Chandra