खुद को प्रेरित करने के लिए अपनी शारीरिक मुद्रा पर ध्यान दें
समुद्री जीव वाकई गौर करने लायक होते हैं। इनका नर्वस सिस्टम अपेक्षाकृत सरल होता है और इनके मस्तिष्क की जादुई कोशिकाएं यानी न्यूरॉन्स बड़े आकार के होते हैं, जिनका निरीक्षण करना काफी आसान होता है। यही कारण सर्किट का सही- सही नक्शा बनाने में सफलता हासिल की है। इंसान और केकड़ों में हमारी उम्मीद से अधिक समानताएं होती हैं (खासकर तब, जब आप केकड़ों की तरह चिड़चिड़ा महसूस करते हैं।)
जॉर्डन यी पीटरसन है कि वैज्ञानिकों ने मनोविशेषज्ञ व लेखक केकड़ों के न्यूरल
अगर दो केकड़े एक ही समय में समुद्र तल के एक ही क्षेत्र को अपने अधिकार में ले लें और दोनों ही उस अधिकार क्षेत्र में रहना चाहते हों, तब क्या ? दोनों में युद्ध होगा। एक पराजित केकड़े के मस्तिष्क की रासायनिक गतिविधियां निश्चित ही एक विजयी केकड़े से बिलकुल अलग होगी। इसकी झलक उसकी शारीरिक मुद्रा में साफ देखी जा सकती है। आत्मविश्वास या डर उसके शरीर में मौजूद सेरोटोनिन व ऑक्टोपमाइन नामक दो रसायनों पर निर्भर होता है। जब कोई केकड़ा जीत हासिल करता
है तो उसके शरीर में सेरोटोनिन की मात्रा ऑक्टोपमाइन की मात्रा से ज्यादा हो जाती है।
परिस्थितियां कैसी भी हों, आप कंधे ताने रखें। कंधे तानकर सीधे खड़े होने का अर्थ है, जीवन की कठिन जिम्मेदारी को रोमांच के साथ स्वीकार करना। इसका अर्थ है, अपनी अव्यवस्थित क्षमताओं को एक जीवन जीने योग्य संसार की वास्तविकताओं में रूपांतरित करना। इसका अर्थ है आत्म चेतन अतिसंवेदनशीलता और कमजोरी के बोझ को स्वेच्छा से स्वीकार करना और बचपन के अचेतन स्वर्ग के अंत को स्वीकार करना।
स्वयं को प्रेरित करने के लिए आप विजेता केकड़ों पर विचार कर सकते हैं, जिनका अस्तित्व और व्यावहारिक प्रज्ञा 35 करोड़ साल पुरानी है। तो आगे से आप अपने कंधे तान कर सीधे खड़े होंगे। अपनी शारीरिक मुद्रा पर ध्यान दें। कंधे झुककर चलना और पराजित दिखना बंद करें। अपने मन की बात स्पष्ट शब्दों में कहें। अपनी इच्छाओं को महत्व दें, मानों उन्हें पूरा करना आपका हक हो, कम से कम उतना हक, जितना हर किसी को होता है। गरदन सीधी करके चलें और अपनी नजरों को बिलकुल स्पष्ट रखें। अपने शरीर के तंत्रिका पथों में सेरोटोनिन के मुक्त प्रवाह को प्रोत्साहित करें, जो अपना शांतिपूर्ण प्रभाव दिखाने के लिए बेताय है।