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तो दोस्तों ये कहानी है आलोक संस्थान के निदेशक, एक सोशल लीडर डॉ. प्रदीप कुमावत की। आज जाने इन्हे व्यक्तिगत तौर पर कि, किस तरीके से बचपन से ही संघर्ष भरा जीवन रहा इनका। बचपन से ही कड़ी मेहनत की। पिता आचार्य श्री श्यामलाल जी कुमावत जिन्होंने हमेशा से ही इन्हे काम के प्रति ईमानदार रहना सिखाया, और अपने पैरों पर बिना किसी सहारे के खुद ही खड़ा होकर चलना भी सिखाया।पिता को ही इन्होने अपना रोल मॉडल माना। और उनके दिखाए रास्तो पर ही आगे चलते गए और आज ये मुकाम पा लिया है। और पच्चीस साल के कडे संघर्ष के बाद एक पीटीआई से लेकर एक निदेशक तक का ये शानदार सफर तय किया।
पूरी कहानी पढ़ें - https://stories.workmob.com/pradeep-kumawat-education
वर्कमोब पॉडकास्ट में कहानियों के हर एपिसोड पर ज़रूर ग़ौर फ़रमाये।क्योंकि हर कहानी ले आएगी आपकी ज़िन्दगी में उम्मीद की नयी किरण और एक नया सकारात्मक बदलाव।
वर्कमोब द्वारा #मेरीकहानी कार्यक्रम के माध्यम से एक नयी पहल शुरू की गयी है जिसके ज़रिये हर कोई छोटे बड़े बिज़नेस ओनर्स अपनी प्रेरक कहानियों को यहाँ सभी के साथ साझा कर सकते है। क्योंकि हर शख्स की कहानी में है वो बात जो जीवन को बदलकर एक नयी दिशा दिखाएगी, और ज़िन्दगी में ले आएगी आशा की एक नयी चमकती किरण। #प्रेरककहानियाँ #संघर्ष #ईमानदार #आलोकसंस्थान #मुकाम
जानिए वर्कमोब के बारे में:
जुड़िये वर्कमोब पर - ये है भारत का अपना एक प्रोफेशनल सोशल नेटवर्क। जोश और जुनून से भरी प्रेरणादायक कहानियां देखिये। मजेदार प्रतियोगिताएं खेलिए, उनका हिस्सा बने, लाइव जुड़िये, और भी बहुत कुछ पाए वर्कमोब पर । यह सौ प्रतिशत बिलकुल मुफ्त है। जाइये इस लिंक पर - https://stories.workmob.com और देखें ढेर सारी प्रेरक कहानियाँ।
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Android: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.workmob
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