Viren Dangwal Poems: वीरेन डंगवाल जो आजादी के महज 10 दिन पहले यानी 5 अगस्त 1947 को पैदा हुए थे. वीरेन डंगवाल को पढ़ते हुए अक्सर लगता है कि उनकी कविताएं पाठ में जितनी सहज होती हैं, कथ्य में उतनी ही गंभीर और गहरी होती हैं. आइए आज सुनते हैं उनकी चार कविताएं हम औरतें, इतने भले न बन जाना साथ, पितृपक्ष और बेईमान सजे-बजे हैं...