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यहाँ प्रवेश करते ही लगता है कि, हम किसी विशेष गांव में आ गए हैं। घर-घर के दरवाजे पर ओम व स्वस्तिक की छाप, दीवारों पर जतन से उकेरे गए सुविचार, तो कहीं ब्रम्हांड के रहस्यों को परत दर परत खोलती जानकारियाँ, तो कहीं चौपालों पर संस्कृत में अभिवादन करते लोग।
By सेवागाथा । Sewagathaयहाँ प्रवेश करते ही लगता है कि, हम किसी विशेष गांव में आ गए हैं। घर-घर के दरवाजे पर ओम व स्वस्तिक की छाप, दीवारों पर जतन से उकेरे गए सुविचार, तो कहीं ब्रम्हांड के रहस्यों को परत दर परत खोलती जानकारियाँ, तो कहीं चौपालों पर संस्कृत में अभिवादन करते लोग।