दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

535.आयुर्वेदमें सदाचार, भाग 14। चरक, जनपदोध्वंसनीय 27-41 महामारी के कारण (भाग 3)।


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एपिसोड 535. आयुर्वेदमें सदाचार (भाग 14)। चरक, जनपदोध्वंसनीय अध्याय 27-41 महामारी के कारण (भाग 3)।
इस एपिसोड में -
* अभिशाप भी रोग और महामारी का एक कारण है। जब धर्महीन मनुष्य अधर्म का आचरण करते हुये गुरुजन,वृद्धजन, सिद्ध,ऋषि और अन्य महात्माओं का अपमान करते हैं, उनकी अवज्ञा करते हैं अथवा उनका अपकार करते हैं, तब उन गुरुजन इत्यादि के अभिशाप से अधर्मी प्रजा नष्ट होने लगती है।
*संसार में अधर्म के आने का कारण और क्रम ।
*क्या मनुष्य की आयु निश्चित है? प्रारब्ध और पुरुषार्थ का समन्वय।
*प्रारब्ध और पुरुषार्थ - दोनों उत्तम मध्यम और हीन तीन - तीन प्रकार के होते हैं। उनके बलाबल के अनुसार आरोग्यता और आयु की प्राप्ति होती है। यही बात अन्य प्रकार के सुखों-दुःखों की प्राप्ति में भी लागू होती है।
... क्रमशः....
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati