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भेंट की रोटी की मेज, मिलापवाले तम्बू में पाए जाने वाले पत्रों में से एक, बबूल की लकड़ी से बना था, और सोने से मढ़ा हुआ था। उसका नाप दो हाथ (९० सेंटीमीटर: ३ फीट) लंबा, डेढ़ हाथ (६७.५ सेंटीमीटर: २.२ फीट) ऊँचा, और एक हाथ (४५ सेंटीमीटर: १.५ फीट) चौड़ा था। भेंटी की रोतो की मेज पर हमेशा के लिए १२ रोटियाँ राखी जाति थी, और यह रोटियाँ केवल याजक के द्वारा ही खाई जा सकती थी (लैव्यव्यवस्था २४:५-९)।
भेंट की रोटी के मेज की कुछ विशेषता: उसके चारों ओर एक पटरी थी; और इस पटरी के लिए चारों ओर सोने कोई एक बाड़ बनाई; सोने के चार कड़े उसके चारों कोने में लगाए; मेज उठाने के लिए डंडो को बबूल की लकड़ी से बनाए और उसे सोने से मढ़े जो मेज उठाने के काम आते थे। मेज के ऊपर रखे पात्र – परात, धूपदान, कटोरे, और उंडेलने के बर्तन सब चोखे सोने से बने थे।
https://www.bjnewlife.org/
https://youtube.com/@TheNewLifeMission
https://www.facebook.com/shin.john.35
By The New Life Missionभेंट की रोटी की मेज, मिलापवाले तम्बू में पाए जाने वाले पत्रों में से एक, बबूल की लकड़ी से बना था, और सोने से मढ़ा हुआ था। उसका नाप दो हाथ (९० सेंटीमीटर: ३ फीट) लंबा, डेढ़ हाथ (६७.५ सेंटीमीटर: २.२ फीट) ऊँचा, और एक हाथ (४५ सेंटीमीटर: १.५ फीट) चौड़ा था। भेंटी की रोतो की मेज पर हमेशा के लिए १२ रोटियाँ राखी जाति थी, और यह रोटियाँ केवल याजक के द्वारा ही खाई जा सकती थी (लैव्यव्यवस्था २४:५-९)।
भेंट की रोटी के मेज की कुछ विशेषता: उसके चारों ओर एक पटरी थी; और इस पटरी के लिए चारों ओर सोने कोई एक बाड़ बनाई; सोने के चार कड़े उसके चारों कोने में लगाए; मेज उठाने के लिए डंडो को बबूल की लकड़ी से बनाए और उसे सोने से मढ़े जो मेज उठाने के काम आते थे। मेज के ऊपर रखे पात्र – परात, धूपदान, कटोरे, और उंडेलने के बर्तन सब चोखे सोने से बने थे।
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