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आज की गुफ्तुगू कुछ चुनिंदा कवियों और शायरों की तरफ से .
आज की काव्य गुफ्तुगू में मेहमान कोई एक कवी नहीं है बल्कि कई कवी और शायर है जैसे गुलज़ार साहब, रामधारी सिंह दिनकर, राहत इन्दोरी साहब , भवानी प्रसाद मिश्र, बशीर बद्र एंड कुछ औ। साल 2021 में मैंने 44 किताबें पड़ी और उन्हीं में कुछ बहुत अच्छा पढ़। उन सब का बेहतरीन मिश्रण होगा आज की काव्य गुफ्तुगू मे।
1. अहिस्ता चल जिंदगी,
2. यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
सोंधी सोंधी लगती है तब माज़ी की रुस्वाई भी
3. चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई
4. मैं मजे में हूँ सही है,
5. वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा
किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा
6. ‘‘मैं एक कर्ण अतएव, माँग लेता हूँ,
7. एक सुबह होगी
8. रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
9. चाल चलने में महारत है यहाँ लोगों को,
और हम बचके निकलने का हुनर जानते हैं.
10. परखना मत परखने से कोई अपना नहीं रहता
11. होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते
#hindikavita #urdushayari #kavita #shayari
Follow the KavyaGuftugu on
Twitter: Kavya Guftugu (@KGuftugu) /
Facebook: https://www.facebook.com/Gaurav-Sachdeva-Storyteller-182761851445
Instagram: https://www.instagram.com/kavyaguftugu/
email: [email protected]
Spotify - https://open.spotify.com/show/3CSR0aPkPswfSV0b7LKjE4
Google Podcasts - https://www.google.com/podcasts?feed=aHR0cHM6Ly9hbmNob3IuZm0vcy81YWU4OWQ3NC9wb2RjYXN0L3Jzcw==
Anchor - https://anchor.fm/kavya-guftugu
Breaker - https://www.breaker.audio/kavya-guftugu-1
Pocket Casts - https://pca.st/jembxj9b
Radio Public - https://radiopublic.com/kavya-guftugu-G342zM
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1. अहिस्ता चल जिंदगी,
2. यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
सोंधी सोंधी लगती है तब माज़ी की रुस्वाई भी
3. चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई
4. मैं मजे में हूँ सही है,
5. वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा
किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा
6. ‘‘मैं एक कर्ण अतएव, माँग लेता हूँ,
7. एक सुबह होगी
8. रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
9. चाल चलने में महारत है यहाँ लोगों को,
और हम बचके निकलने का हुनर जानते हैं.
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