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आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होकर किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती है, जिसकी वजह से किसान इस नुकसान को बर्दाश नहीं कर पाते और मौत को गले लगा लेते हैं. इन्हीं सब घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फसल बीमा योजना की शुरूआत की है.
इस योजना का ध्येय आप समझ गए होंगे, जैसे कि इसके नाम से ही प्रतीत हो रहा है. दरअसल, इस योजना के तहत किसानों के फसलों का बीमा कराया जाता है और किसी भी प्रकार का नुकसान होने पर बीमा कंपनी किसानों को हर्जाना देती हैं, लेकिन हम आपको जो खबर बताने जा रहे हैं. वो दरअसल ये नहीं है. खबर तो यह है कि केंद्र सरकार की तऱफ से 9 लाख लोगों का बीमा क्लेम रद्द कर दिया गया है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र सरकार की तरफ से 9,28 और 870 क्लेम को रद्द कर दिया गया है. लिहाजा, अगर आपने भी फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत करवाया है, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. आपने अगर इन जरूरी बातों का ध्यान नहीं रखा, तो आप भी इस जमात में शामिल हो सकते हैं, लिहाजा कहीं आपका भी इस जमात में नाम शामिल न हो जाए. इसलिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.
इन बातों का रखें ध्यान
ओलावृष्टि, भू-स्खलन, अतिवृष्टि, बादल फटने, प्राकृतिक आग जैसी स्थिति में नुकसान की गणना बीमित खेती के आधार पर की जाती है, इसलिए किसानों को अपनी फसलों को हुए नुकसान की जानकारी फौरन बीमा कंपनी को देनी चाहिए.
अगर आपने फसलों का बीमा करवाने के दौरान कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा, तो फिर आप इस बीमा का लाभ नहीं उठा पाएंगे. उदारहण के लिए अगर आप दावों की सूचना देर से देते हैं, तो संभवत: आपको अपनी फसलों का हर्जाना नहीं मिल पाएगा.
क्लेम करने के लिए किसान को बीमा कंपनी या फिर कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क करना होगा. बता दें कि अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते तो संभव है कि आप फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित रह सकते हैं.
By Krishi Jagranआमतौर पर ऐसा देखा गया है कि प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होकर किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती है, जिसकी वजह से किसान इस नुकसान को बर्दाश नहीं कर पाते और मौत को गले लगा लेते हैं. इन्हीं सब घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फसल बीमा योजना की शुरूआत की है.
इस योजना का ध्येय आप समझ गए होंगे, जैसे कि इसके नाम से ही प्रतीत हो रहा है. दरअसल, इस योजना के तहत किसानों के फसलों का बीमा कराया जाता है और किसी भी प्रकार का नुकसान होने पर बीमा कंपनी किसानों को हर्जाना देती हैं, लेकिन हम आपको जो खबर बताने जा रहे हैं. वो दरअसल ये नहीं है. खबर तो यह है कि केंद्र सरकार की तऱफ से 9 लाख लोगों का बीमा क्लेम रद्द कर दिया गया है.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र सरकार की तरफ से 9,28 और 870 क्लेम को रद्द कर दिया गया है. लिहाजा, अगर आपने भी फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत करवाया है, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. आपने अगर इन जरूरी बातों का ध्यान नहीं रखा, तो आप भी इस जमात में शामिल हो सकते हैं, लिहाजा कहीं आपका भी इस जमात में नाम शामिल न हो जाए. इसलिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.
इन बातों का रखें ध्यान
ओलावृष्टि, भू-स्खलन, अतिवृष्टि, बादल फटने, प्राकृतिक आग जैसी स्थिति में नुकसान की गणना बीमित खेती के आधार पर की जाती है, इसलिए किसानों को अपनी फसलों को हुए नुकसान की जानकारी फौरन बीमा कंपनी को देनी चाहिए.
अगर आपने फसलों का बीमा करवाने के दौरान कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा, तो फिर आप इस बीमा का लाभ नहीं उठा पाएंगे. उदारहण के लिए अगर आप दावों की सूचना देर से देते हैं, तो संभवत: आपको अपनी फसलों का हर्जाना नहीं मिल पाएगा.
क्लेम करने के लिए किसान को बीमा कंपनी या फिर कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क करना होगा. बता दें कि अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते तो संभव है कि आप फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित रह सकते हैं.