🙏🏼जय जिनेन्द्र🙏🏼
तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम हैदराबाद द्वारा प्रसारित "कथा रत्नमाला" की अगली कड़ी में आज हम जानेंगे साधक को साधना ना ही स्वर्ग के सुखों के लिए करनी चाहिए ना ही नरक से डर कर करनी चाहिए साधना तो केवल आत्मा के लिए करनी चाहिए।
आशा है कि हमारा यह प्रयास आपके आध्यात्मिक ऊर्ध्वारोहण में सहभागी बनेगा।
इसी विश्वास के साथ प्रस्तुत है आज की कथा "आग लगाने, आग बुझाने"