लिखूं तो क्या लिखूं उसकी आंखों पे?, उसकी आंखे हर बार एक नए सवाल से खेल रही होती, ना जाने भीड़ में क्या ढूंढती रहती, सब कुछ था उसके पास पर फिर भी वो आंखे मानो किसी का इंतजार करती रहती थी , उसकी आंखे समझ पाता मैं इतना करीब भी नहीं था उसके, अभी तो बस मैं हर दिन उसे सड़क के दूसरे कोने से देखता रहता, उससे कभी बात नहीं हुई मेरी मेरी हिम्मत ही नहीं हुई कभी जाके पूछने की "क्या आपको किसी का इंतजार है? जो आप हर दिन इसी जगह आके इसी कोने पे आके रुक जाते हो, क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूं? मेरा मतलब की आपको अच्छा लगे तो?" पर ये जैसा मेरा ख़्वाब ही बनके रह गया, ना मैने कभी ये सवाल पूछे ना ही कभी उन्होंने मुझे उन्हें घंटो देखते हुए देखा । उनके इस सफर में मानो में भी एक राही बन गया , पर ना कभी बात हुई ना कभी कोशिश।। पर सच कहूं वो आंखे आम नहीं थी ख़ास थी , मेरे लिए तो ख़ास ही थी।।❣️❣️
Bgm used Duniya kisi ke pyar mein by Mehdi Hasan ( intended for fair use only)
This is a random story written by me.