आश्रमोपनिषद्, बड़ी ही महत्वपूर्ण है। यह अथर्ववेद से सम्बद्ध है। इसमें आश्रम व्यवस्था-ब्रह्मचर्य गृहस्थ वानप्रस्थ एवं संन्यास, इन चारों आश्रमों के विभिन्न पक्षों एवं उनके अनुशासनों का संक्षिप्त वर्णन किया गया है।
आश्रमोपनिषद्, बड़ी ही महत्वपूर्ण है। यह अथर्ववेद से सम्बद्ध है। इसमें आश्रम व्यवस्था-ब्रह्मचर्य गृहस्थ वानप्रस्थ एवं संन्यास, इन चारों आश्रमों के विभिन्न पक्षों एवं उनके अनुशासनों का संक्षिप्त वर्णन किया गया है।