
Sign up to save your podcasts
Or
कई बार हमारी ज़िंदगी में ऐसे कई पल आते हैं जब हमें लगता है कि कुछ हो नहीं रहा. ज़िंदगी जैसे थम-सी गई है। या ये कहें की ज़िंदगी उस मिट्टी में फ़सें गाड़ी कि पहिए जैसी हो गई है जो सिर्फ़ घूम रहा है मगर गाड़ी आगे नहीं बढ़ रही है। आपके साथ ऐसा कभी हुआ है?
तो चलिए, आज अपनी गाड़ी को आगे ढकेलते ... ना ना ना, आगे बढ़ाते है और ये भी समझने की कोशिश करते हैं की को कौनसी बातें है या आदतें हैं जिनके कारण हमारी गाड़ी आख़िर बार बार फँस जाती है। और अगर फिर से ऐसा हुआ तो हम क्या कर सकते है।
You can follow me at:
Facebook: MothersGurukul
Twitter: alpana_deo
Instagram: alpanabapat
Blog: Mothers Gurukul
Email: [email protected]
5
77 ratings
कई बार हमारी ज़िंदगी में ऐसे कई पल आते हैं जब हमें लगता है कि कुछ हो नहीं रहा. ज़िंदगी जैसे थम-सी गई है। या ये कहें की ज़िंदगी उस मिट्टी में फ़सें गाड़ी कि पहिए जैसी हो गई है जो सिर्फ़ घूम रहा है मगर गाड़ी आगे नहीं बढ़ रही है। आपके साथ ऐसा कभी हुआ है?
तो चलिए, आज अपनी गाड़ी को आगे ढकेलते ... ना ना ना, आगे बढ़ाते है और ये भी समझने की कोशिश करते हैं की को कौनसी बातें है या आदतें हैं जिनके कारण हमारी गाड़ी आख़िर बार बार फँस जाती है। और अगर फिर से ऐसा हुआ तो हम क्या कर सकते है।
You can follow me at:
Facebook: MothersGurukul
Twitter: alpana_deo
Instagram: alpanabapat
Blog: Mothers Gurukul
Email: [email protected]