एक ऐसी खोज जो सत्य के मार्ग पर ले जाती है पर आज के इस आधुनिक युग में वह मार्ग धूमिल हो चुका है और पथिक समाज के मुंह पास एवं अपनी तुच्छ इच्छाओं के कारण ईश्वरी शक्ति एवं धर्म के मार्ग से भटक चुका है वह अंधभिज्ञ हो चुका है मेरी तरह उसको केवल सत्य का तब पता चलता है जब वह अपने प्राण जागने की प्रतीक्षा में होता है उससे जुड़ी हुई कुछ कहानियां कुछ लोग कथाएं प्रेरक प्रसंग आज मैं आपके सामने लाऊंगा और आप उस का आनंद लें और समाज का नव निर्माण करें।