Sign up to save your podcastsEmail addressPasswordRegisterOrContinue with GoogleAlready have an account? Log in here.
September 11, 2021अष्टावक्र गीता अध्याय 102 minutesPlayअष्टावक्र गीता के इस अध्याय में श्री अष्टावक्र जी राजा जनक को तृष्णा के बारे में बता रहे हैं । वे कह रहे हैं कि तृष्णा ही बंधन है , इसे अब त्याग दो।...moreShareView all episodesBy Shrikant MathurSeptember 11, 2021अष्टावक्र गीता अध्याय 102 minutesPlayअष्टावक्र गीता के इस अध्याय में श्री अष्टावक्र जी राजा जनक को तृष्णा के बारे में बता रहे हैं । वे कह रहे हैं कि तृष्णा ही बंधन है , इसे अब त्याग दो।...more
अष्टावक्र गीता के इस अध्याय में श्री अष्टावक्र जी राजा जनक को तृष्णा के बारे में बता रहे हैं । वे कह रहे हैं कि तृष्णा ही बंधन है , इसे अब त्याग दो।
September 11, 2021अष्टावक्र गीता अध्याय 102 minutesPlayअष्टावक्र गीता के इस अध्याय में श्री अष्टावक्र जी राजा जनक को तृष्णा के बारे में बता रहे हैं । वे कह रहे हैं कि तृष्णा ही बंधन है , इसे अब त्याग दो।...more
अष्टावक्र गीता के इस अध्याय में श्री अष्टावक्र जी राजा जनक को तृष्णा के बारे में बता रहे हैं । वे कह रहे हैं कि तृष्णा ही बंधन है , इसे अब त्याग दो।