इसे वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित किया गया था तथा प्रोजेक्ट टाइगर नेटवर्क के तहत वर्ष 1993 में इसे एक बाघ आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया।भौगोलिक रुप से यह मध्य प्रदेश की सुदूर उत्तर-पूर्वी सीमा और सतपुड़ा पर्वत शृंखला के उत्तरी किनारे पर स्थित है।वर्ष 2019 की बाघ जनगणना के अनुसार, मध्य प्रदेश में 526 बाघ (सबसे अधिक) दर्ज किये गए थे।