Poet Pankaj Show

बदल जा


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ठहर जा संभल जा बदल जा
नहीं तो ये वक़्त तुझे बदल जाएगा
तू सोचता था तुम मालिक है इस धरती का
जो चाहे वो कर पाएगा
कभी सोचा था तूने तो दर्द से यूँ कह कर आएगा
1-1 सांस के लिए तो गिड़गिड़ाएगा
मौत के तांडव से तू डर जाएगा
तू अकेला आया था अकेला ही जाएगा
अपनी नादानियों से कब पार पाएगा
अभी भी वक्त है
ठहरजा संभलजा बदल जा
नहीं तो ये वक़्त तुझे बदल जाएगा
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Poet Pankaj ShowBy pankaj jain