इक जान को तुमने जान न मानकर अपना खेल बनाया है, किसी को टॉमी कह दिया किसी को टाइगर बनाया है। खुद दो कमरे में रहते हो और इन बिचारों को पलंग के नीचे या सोफे के पीछे रखते हो। जानवर के साथ जानवर जैसा सलूक करने वालों को क्या इंसान कहा जा सकता है??
इक जान को तुमने जान न मानकर अपना खेल बनाया है, किसी को टॉमी कह दिया किसी को टाइगर बनाया है। खुद दो कमरे में रहते हो और इन बिचारों को पलंग के नीचे या सोफे के पीछे रखते हो। जानवर के साथ जानवर जैसा सलूक करने वालों को क्या इंसान कहा जा सकता है??