1.. अलख निरंजन -1.
1.भक्त के लक्षण |
भक्ति ,भक्त, भगवंत सब एक स्वरूप है। भक्तों का पहला लक्षण है एक्य भाव। दूसरा लक्षण," तू ही तू ही दूजा ना कोई"।" एक में अनंत में देखो अनंत में एक को देखो " -गुरु जी कहते हैं।
भक्तों का तीसरा लक्षण भक्ति अव्यभिचारिणी चारिणी, अनन्य भक्ति। कर्मा भक्ति ज्ञान यह तीन पर है। श्री सत्यस भक्ति रेव गरियसी।
हनुमान जी कहते हैं, देहा बुद्धि्यात तव दासोहम।
जीव बुद्धि्यात त्वदंशकम् । आत्म बुधियात् तवैवाहम्।