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सुप्रीम कोर्ट से आई एक ऐसी कहानी, जिसमें ड्रामे की कमी नहीं—और कानून भी हो गया थोड़ा रंगीन! तो कान खोलकर सुनिए, क्योंकि ये मामला है श्री चंद्रा जोसेफ का, जो 2014 में आंध्र प्रदेश सड़क परिवहन निगम में बने थे बस ड्राइवर। सपनों पर ब्रेक तब लगा जब मेडिकल जांच में उन्हें रंगअंधता का टिकट पकड़ा दिया गया—मतलब, ‘लाल बत्ती’ दिख नहीं रही थी तो गाड़ी भी नहीं चलेगी! जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा इस मामले में।
By Scoot Legal Translation and Transcription Servicesसुप्रीम कोर्ट से आई एक ऐसी कहानी, जिसमें ड्रामे की कमी नहीं—और कानून भी हो गया थोड़ा रंगीन! तो कान खोलकर सुनिए, क्योंकि ये मामला है श्री चंद्रा जोसेफ का, जो 2014 में आंध्र प्रदेश सड़क परिवहन निगम में बने थे बस ड्राइवर। सपनों पर ब्रेक तब लगा जब मेडिकल जांच में उन्हें रंगअंधता का टिकट पकड़ा दिया गया—मतलब, ‘लाल बत्ती’ दिख नहीं रही थी तो गाड़ी भी नहीं चलेगी! जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा इस मामले में।