Shaheryar Niraj

Chize ya Baate..shayari


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बात समझ गए होते
तो चीज़ो में न उलझते
तुम बारहा बातों को चीज़
समझ लेते हो....
चीज़ें छुई, ख़रीदी बेचीं जाती है,
और
बातें सोची, समझी और कहीं जाती है,
तुम बातों को व्यापार समझ लेते हो
बारहा बातों को चीज़ समझ लेते हो...
" क्या चीज़ ? " कह के,
तुम बात समझना कहते हो,
और मै " क्या बात " कह के
तुम्हे ताने कसता हूँ ...
तुम चीज़ों से उभर नही पाते,
और मैं तुम्हे बातें समझाना चाहता हूँ....
कहते है, दोस्त मिलते है
तो बाते खत्म नही होती...
वक़्त ख़त्म हो जाए मगर
दोस्ती ख़त्म नही होती....
मेरी कोई बात बुरी लगे तो कह देना,
सब कहते है,
मेरी कोई चीज़ सही नही होती..
शहरयार नीरज......
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#shaheryarniraj
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Shaheryar NirajBy Niraj Jawanjal