डायरी का एक पन्ना के लेखक सीताराम सेकसरिया हैं।1892 मंे राजस्थान के नवलगढ़ मंे जन्मे सीताराम सेकसरिया का अधिकांश जीवन कलकत्ता में बीता। प्रस्तुत पाठ के लेखक सीताराम सेकसरिया आज़्ाादी की कामना करने वाले उन्हीं अनंत लोगों में से एक थे। वह दिन-प्रतिदिन जो भी देखते, सुनते और महसूस करते थे, उसे अपनी निजी डायरी में दर्श कर लेते थे। यह क्रम कई वर्षों तक चला। इस पाठ में उनकी डायरी का 26 जनवरी 1931 का लेखाजोखा है।