हरिहर काका पाठ के लेखक मिथिलेेेश्वर जी हैं। इस कहानी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण पारिवारिक जीवन में ही नहीं हमारे आस्था प्रतीक धर्मस्थानों और धर्मध्वजा धारकों में जो स्वार्थलोलुपता घर करती जा रही है, उसे उजागर करना है।एक वृद्ध और निसंतान व्यक्ति का मानसिक शोषण किया जाता है उनकी ज़्ामीन हथियाने लिए महंत और उन भाई उनका अहित करने मंे मग्न रहते हैं। इस लिए वह छल और बल का भी प्रयोग करते हैं। पारिवारिक संबंधों में भाईचारे को बेदखल कर स्वार्थ को बढ़ावा देना तथा हिंसात्मक रूप लेना और सामाजिक वातावरण को बेनकाब करना ही कहानी का मुख्य उद्देश्य है।