तताँरा वामीरो कथा पाठ के लेखक लीलाधर मंडलोई जी हैं।
1954 की जन्माष्टमी के दिन छिंदवाड़ा जिले के एक छोटे से गाँव गुढ़ी में जन्मे लीलाधर मंडलोई की शिक्षा-दीक्षा भोपाल और रायपुर में हुई। प्रस्तुत पाठ तताँरा-वामीरो कथा अंदमान निकोबार द्वीपसमूह के एक छोटे से द्वीप पर केंद्रित है। उक्त द्वीप में विद्वेष गहरी जड़ें जमा चुका था। उस विद्वेष को जड़ मूल से उखाड़ने के लिए एक युगल को आत्मबलिदान देना पड़ा था। उसी युगल वेफ बलिदान की कथा यहाँ बयान की गई है।