'दिए जल उठे' कहानी आज़ादी के लिए प्रयत्नशील भारत की महत्वपूर्ण घटना पर आधारित है। जब वल्लभभाई पटेल के आह्वान पर पूरा भारत 'दांडी कूच' के लिए तैयार था। इस कूच को असफल बनाने के उद्देश्य से अंग्रेजों ने उनको तीन महीने के कारावास में डाल दिया। गांधी जी को वल्लभभाई पटेल की इस तरह से हुई गिरफ्तारी अच्छी नहीं लगी और उन्होंने स्वयं इस यात्रा का नेतृत्व किया। यह यात्रा साबरमती से आरंभ हुई। गांधी जी बोरसद से होते हुए रास गए वहाँ उन्होंने जनता का आह्वान किया। वहाँ से वह कनकापुरा पहुँचे । इस दांडी कूच का उद्देश्य था लोगों के अंदर आजादी के लिए जोश पैदा करना, सत्याग्रह के जनता को तैयार करना व बिटिश शासन से पूर्णस्वराज की माँग करना।