रामकुटी | Ramkuti

चलो सखी वृन्दावन चलिये स्वर किशोरी दासी (अंजुना जी)


Listen Later

जय गौर हरि
चलो सखी वृन्दावन चलिये
मोहन बेनु बजाये री।। टेर ।।
बेनु सुनत ब्रह्मादिक मोहे,
वेद पढ़न नहिं पाये री।
बेनु सुनत शिव शंकर मोहे,
ध्यान धरण नहिं पाये री।। 1 ।।
बेनु सुनत इन्द्रादिक मोहे,
राज्य करण नहिं पाये री।
बेनु सुनत सब सन्तन मोहे,
भजन करण नहिं पाये री।। 2 ।।
बेनु सुनत गौ-बछरा मोहे,
चारा चरण न पाये री।
बेनु सुनत खग पंछी मोहे,
चुगा चुगण नहिं पाये री।। 3 ।।
बेनु सुनत सब गोपी मोहे,
काज करत उठि धाये री।
‘चन्द्रसखी’ भजु बालकृष्ण छबि,
हरि चरणन चित लाये री।। 4 ।।
स्वर सेवा: *किशोरी दासी (अंजुना जी)*
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

रामकुटी | RamkutiBy Shrikant Borkar