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जो कोइ करै सो स्वार्थी ,अरस पारस गुण देत
बिन किये करे सो सूरमा ,परमारथ के हेत
----- संत कबीर
तुलसी पंछिन के पिए ,घटे न सरिता नीर
दान दिए धन ना घटे ,जो सहाय रघुवीर
-----संत तुलसी दास
इन दोहों का अर्थ कमेंट में लिखें
जो कोइ करै सो स्वार्थी ,अरस पारस गुण देत
बिन किये करे सो सूरमा ,परमारथ के हेत
----- संत कबीर
तुलसी पंछिन के पिए ,घटे न सरिता नीर
दान दिए धन ना घटे ,जो सहाय रघुवीर
-----संत तुलसी दास
इन दोहों का अर्थ कमेंट में लिखें