धर्मराज युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में साक्षात् भगवान कृष्ण उपस्थित थे, श्रेष्ठ आचार्यों द्वारा सज्ञ सम्पन्न कराया गया था, पांचों भाई धर्मात्मा थे, फिर कौन सा दोष रह गया कि यज्ञके उपरान्त एक मास के भीतर ही द्रौपदीसहित उन्हे घोर अपमान और वनवास इत्यादि का कष्ट प्राप्त हुआ ? उत्तर - यज्ञमें प्रयुक्त धन न्यायपूर्ण नहीं था और यज्ञ अभिमानपूर्वक किया गया था। ****प्रारब्ध तथा उपाय दोनों की भूमिका होती है।