दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

देवीभागवत, 3.9-11। तीनों गुणोंके मिश्रणका वर्णन।भगवतीके बीजमंत्र ऐं का बिन्दुरहित उच्चारण का चमत्कार


Listen Later

गुणोंके मिश्रण का वर्णन। मूढ़ किन्तु सत्यवादी ब्राह्मण सत्यव्रत द्वारा अनजाने में देवीके बीजमंत्र ऐं का बिन्दुरहित उच्चारण ऐ करने से उसमें पाण्डित्य का प्रादुर्भाव।
हिंसा और सत्य सम्बन्धी द्वन्द उपस्थित होने पर सत्यव्रत ने वधिकसे कहा - आंख देखती है किन्तु बोलती नहीं। वाणी बोलती है किन्तु देखती नहीं। तो आंख की देखी हुयी बात सत्य है या नहीं, इस सम्बन्धमें वाणी को कैसे प्रमाण माना जाय ?
या पश्यति न सा ब्रूते या ब्रूते सा न पश्यति।
अहो व्याध स्वकार्यार्थिन् किं पृच्छसि पुनः पुनः।।
गिरा अनयन नयन बिनु बानी।
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati