पुराणों के पांच मुख्य लक्षण -"सर्गश्च प्रतिसर्गश्च वंशो मन्वन्तराणि च। वंशानुचरितं चैव पुराणं पञ्च लक्षणम्।। देवी भा. 1/2/18.।। अठारह पुराणों के नामसंकेत - "मद्वयं भद्वयं चैव ब्रत्रयं वचतुष्ट्यम्।अनापलिंगकूस्कानि पुराणानि पृथक् पृथक्।। देवी भा 1/3/2।।