Bhagwad Vani Shrot (भगवद वाणी श्रोत)

दिव्य शक्ति माँ पूनम जी का परिचाय


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शक्ति माँ ईश्वर के इस युग, लिपि रूप की *अभिव्यक्ति* की शक्ति का अवतार है।
वर्षों की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प
के *साथ* उन्होने *साबित* कर दिया है कि जब आप भगवान के *कार्य* के लिए समर्पित होते हैं तो कोई भी बाधा बहुत बड़ी नहीं होती है। जीवन में, जब आप *कार्य* करने के लिए निकलते हैं- बहुत सी बाधाएँ आती हैं और जब तक आप स्वयं की मदद करने के लिए तत्पर नहीं होते हैं तब तक कोई चमत्कार की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। जब आपको ईश्वर का कुमक प्राप्त होता है, तो यह न केवल सांसारिक बंधनों के लिए, बल्कि आपकी आध्यात्मिक प्रयोजन के लिए भी पर्याप्त है। शक्ति मां ने महान कार्य किये है और हम सभी के लिए प्रेरणा रही हैं। इस संबंध में, उन्होंने हमें भेदभाव रहित मार्ग पर अग्रसर किया है। आपको जो पसंद है और जो पसंद नहीं है, उसके बीच भेदभाव करने के बजाय सही और गलत का भेदभाव करें। उन्होंने हमें दिखाया है कि, हालांकि कोई आसान विनिश्यच नहीं होता हैं- लेकिन हमें हमेशा सही रहा लेनी चाहिए, चाहे कठिन रास्ता अपनाना पड़े और कठिन निर्णय लेने पड़े, जो कठिनाइयों से भरे हो।
शक्ति माँ ने अपने व्यक्तिगत जीवन में और ईश्वर के मार्ग पर हमें आगे बढ़ाने के लिए जो बलिदान दिए हैं, हम सभी उनके बारे में जानते हैं। उनका जीवन तेज और तप से भरा है, हमेशा से मानवता के लिए कार्य कर रहीहै। शक्ति माँ सांसारिक अस्तित्व के बीच एक योगी का अवतार रही है, उनका जीवन ज्ञान से भरा हुआ है। उन्हौने पूरा जीवन, भगवान के संदेश को प्रसारित के लिए समर्पित किया है - सुबह से लेकर आधी रात से भी अधिक समय तक, २१ वर्षों से अधिक समय तक निरंतर किया है। देवी मां के साथ, उन्होंने समर्थन किया और यह सुनिश्चित किया कि वह हमेशा उनके लिए थीं। यह सुनिश्चित किया कि सभी योजनाओं को अच्छी तरह से लागू किया गया। वर्ष 2000 के बाद से, सभी समितियां उनके नेतृत्व में अधिक ऊंचाइयों पर पहुंच गईं। गरीब बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है, जरूरतमंद महिलाओं को सहायता दी जाती है, असहाय जानवरों को सहायता मिलती है, युवा मन को भगवान की शिक्षाओं से शिक्षित किया जाता है और आखिरकार शक्ति माँ हमारी आध्यात्मिक गुरु हैं। उनके नेतृत्व ने हमें प्रकाश और ईश्वर की आज्ञाओं का मार्ग दिखाया है। उनकी आत्मा की महानता इस तथ्य में प्रस्तुत है कि उनका आशीर्वाद केवल उन लोगों पर हो सकता है जो निस्वार्थ रूप से भगवान की वाणी का पालन करते हैं और कर्म के लिए समर्पित होते हैं न कि केवल पुष्पमय शब्दों या कर्मकांड के रूप में।
शक्ति माँ शब्द 'शक्ति' को इसका अर्थ और कर्मयोगी की अवधारणा को इसकी पहचान देती है। उनके वचन दिव्य हैं और उनके कार्यों में ईश्वर का हाथ है। मैंने कभी किसी और को नहीं देखा जो दूसरों और पूरी मानवता के लिए इतनी परवाह करता हो, अथक और निस्वार्थ रूप से काम करता हो। हमें इस युग में हमारे मध्य एक महान दिव्य आत्मा के रूप होने का सौभाग्य मिला है। उनकी महिमा अतुलनीय है। हम सबको उनका आशीर्वाद मिले। आइए, हम अपने सभी कार्यों और जीवन को उनके लिए समर्पित करें।
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Bhagwad Vani Shrot (भगवद वाणी श्रोत)By Satya Mandir