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आज हम जिस विषय पर हैं, वह है — बाइबल के साहित्य में यहूदियों और परमेश्वर के बीच का अनुबंध। यह एक कानूनी रिश्ता है, जिसकी मूलभूत शर्तें "दस आज्ञाएँ" (Decalogue) हैं। ये आज्ञाएँ निर्गमन 20:1-7 और व्यवस्थाविवरण 5:1-22 में वर्णित हैं और यह परमेश्वर और राष्ट्र के बीच के संबंध का आधार बनती हैं। आगामी नौ या दस एपिसोड्स में, मैं इन दसों आज्ञाओं को विस्तार से समझाऊँगा और यह भी बताऊँगा कि किस प्रकार यहूदियों ने इनका उल्लंघन किया।
बाइबल साहित्य से संबंधित अधिक विषयों के लिए, www.BibleBard.org पर जाएँ और एपिसोड की सूची देखने के लिए अन्य भाषाओं का चयन करें।
By Bible Bardआज हम जिस विषय पर हैं, वह है — बाइबल के साहित्य में यहूदियों और परमेश्वर के बीच का अनुबंध। यह एक कानूनी रिश्ता है, जिसकी मूलभूत शर्तें "दस आज्ञाएँ" (Decalogue) हैं। ये आज्ञाएँ निर्गमन 20:1-7 और व्यवस्थाविवरण 5:1-22 में वर्णित हैं और यह परमेश्वर और राष्ट्र के बीच के संबंध का आधार बनती हैं। आगामी नौ या दस एपिसोड्स में, मैं इन दसों आज्ञाओं को विस्तार से समझाऊँगा और यह भी बताऊँगा कि किस प्रकार यहूदियों ने इनका उल्लंघन किया।
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