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हम अक्सर दूसरों के लिए एक ऐसी छवि बना लेते हैं जो हमें मज़बूत, आत्मनिर्भर और निडर दिखाती है। लोग हमें देखकर प्रेरित होते हैं, हमारी मुस्कान में ताकत देखते हैं, और हमारे शब्दों में उम्मीद तलाशते हैं। मगर इसी मुस्कान के पीछे कई बार एक थकान छुपी होती है — थकान खुद से लड़ते रहने की, हमेशा सही दिखने की, और कभी ना टूटने का दिखावा करते रहने की। जब हम दूसरों के लिए ढाल बन जाते हैं, तब खुद की भावनाएं कहीं कोने में दुबक जाती हैं। यही वो पल होते हैं जब हम दुनिया की नजरों में 'मजबूत' होकर भी, अंदर से खुद को सबसे ज़्यादा 'कमज़ोर' महसूस करते हैं।अगर आप चाहें तो मैं इसी थीम पर एक ब्लॉग या स्क्रिप्ट भी तैयार कर सकता हूँ।
By HH Sudhanshu ji Maharajहम अक्सर दूसरों के लिए एक ऐसी छवि बना लेते हैं जो हमें मज़बूत, आत्मनिर्भर और निडर दिखाती है। लोग हमें देखकर प्रेरित होते हैं, हमारी मुस्कान में ताकत देखते हैं, और हमारे शब्दों में उम्मीद तलाशते हैं। मगर इसी मुस्कान के पीछे कई बार एक थकान छुपी होती है — थकान खुद से लड़ते रहने की, हमेशा सही दिखने की, और कभी ना टूटने का दिखावा करते रहने की। जब हम दूसरों के लिए ढाल बन जाते हैं, तब खुद की भावनाएं कहीं कोने में दुबक जाती हैं। यही वो पल होते हैं जब हम दुनिया की नजरों में 'मजबूत' होकर भी, अंदर से खुद को सबसे ज़्यादा 'कमज़ोर' महसूस करते हैं।अगर आप चाहें तो मैं इसी थीम पर एक ब्लॉग या स्क्रिप्ट भी तैयार कर सकता हूँ।