शब्दज्ञानानुपाती वस्तुशून्यो विकल्पः। जो ज्ञान केवल शब्दजनित ज्ञान के साथ होता है किन्तु वह वस्तु होती नहीं, उस ज्ञानको विकल्प कहते हैं। विपर्यय किसी वस्तु में अन्य वस्तु के होने का भ्रम है। विकल्प में कोई वस्तु होती ही नहीं फिर भी उसकी कल्पना हो जाती है।